2007 में पाकिस्तान को हराकर जब भारतीय टीम बनी थी पहली टी 20 विश्वकप की चैंपियन: आज के दिन ही मतलब की वर्ष 2007 में हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को पराजित कर के टी20 वर्ल्ड कप के खिताब को हासिल किया था। हिंदुस्तानी प्रशंसकों के दिलों में तो आज भी वो यादें जिंदा है जब जोगिंदर शर्मा की गेंद पर श्रीसंत ने मिस्बाह उल हक का कैच पकड़ा था जिसके बाद तो उस वक्त पूरा देश ही खुशी से झूम पड़ा था।
मार्च सन 2007 में वनडे से पूर्व टी 20 विश्व कप का टी 20 विश्वकप वेस्टइंडीज में खेला गया था। जिसमे की राहुल द्रविड़ की नेतृत्व वाली इन्डियन टीम पहली ही पारी में आउट हो गई थी और जिससे परिणाम स्वरुप इंडियन टीम को बहुत तीखी आलोचना से सामना करना पड़ा था। सचिन तेंदुलकर ,राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली तो ने टी 20 विश्वकप खेलने से ही साफ इंकार कर दिया था।
बाद में तब टी 20 विश्वकप के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम की कैप्टेंसी मिली थी। जिस टीम में रॉबिन उथप्पा रोहित शर्मा तथा पीयूष चावला सरीखे युवा और मंझे हुए खिलाड़ी भी शामिल रहे थे। उस वक्त में तो किसी ने ये सोचा भी नहीं था की हमारी यह भारतीय युवा टीम खिताब हासिल कर लेगी।
हिंदुस्तान का सबसे पहला जो मैच था वो थास्कोटलैंड के विरूद्ध, परंतु भारी बरसात के चलते मैच को रद्द करना पड़ गया था। फिर इसके बाद सेकेंड समूह स्टेज मैच पाकिस्तानी टीम को पराजित करके विजय प्राप्त की थी। फिर इसके बाद टूर्नामेंट में इंग्लैंड के विरुद्ध भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में 6 सिक्सर मारे थे। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारतीय खिलाड़ी श्रीसंत का चौंका देने वाला स्पेल भी देखा गया था।
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इन्डियन टीम सभी तरह की मुश्किलों को लांघ कर फाइनल में तो पहुंच गई थी लेकिन दुबारा से उनके समक्ष पाकिस्तानी टीम खड़ी थी।हिंदुस्तान एवं पाकिस्तान के मध्य ये अंतिम मुकाबला होने के कारण से ही इस मुकाबले का मज़ा पहले से ही दोगुना हो चुका था। तो वहीं ये मैच भी आखिरी ओवर तक ही गया।
इंडियन टीम पहले ही खेलते हुए पांच विकेट्स पर 157 रन चुकी थी। और वहीं तेज़ क्रिकेटर गौतम गंभीर ने बेहद ही शानदार 75 रनों की पारी खेली थी। फिर उसके बाद आखिर में खिलाड़ी रोहित शर्मा ने 16 बॉल्स पे 30 रनों की पारी खेली थी। पाकिस्तानी टीम ने तब 19 ओवर तक 9 विकेट्स हारने के बाद जैसे तैसे 145 रन हासिल कर ही लिए थे। हालांकि लास्ट ओवर में उन्हें 13 रनों की आवश्यकता थी।
कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने लास्ट ओवर जोगिंदर शर्मा के हाथों में दे दिया था, जबकि कैप्टेन धोनी के इस डिसीजन से सभी हैरान थे, क्योंकि खिलाड़ी जोगिंदर शर्मा उस समय में उतने बड़े गेंदबाज नहीं बन पाए थे।
जोगिंदर शर्मा ने फर्स्ट बॉल वाइड डाली थी वहीं जबकि सेकेंड बॉल पे खिलाड़ी मिस्बाह को एक भी रन बनाने का मौका नहीं दिया। परंतु थर्ड बॉल में तो खिलाड़ी मिस्बाह हक ने सिक्सर ही लगा दिया था जिससे पूरा ही हिंदुस्तान जैसे चौंक गया था।
तो अब पाक टीम को जरूरत थी तो मात्र 6 रनों की क्योंकि वो जीत से बस अब कुछ ही दूर हिट की दूरी पे थे। पर अफसोस खिलाड़ी मिस्बाह ने थर्ड बॉल पर स्कूप शॉट खेल डाला जिसके परिणाम स्वरूप वो भारतीय खिलाड़ी श्रीसंत को कैच दिला गए और फिर जिसके बाद हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम ने मैच में मात्र 5 रनों से जीत कर कर ही वर्ल्ड कप अपने नाम करा लिया था।